सुविचार : श्री कृष्ण और अर्जुन संवाद-निंदा, कायरता और पाप-पुण्य का क्या है हिसाब

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                  विचार

  • निंदा मनुष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारे निंदक ही हमें और बेहतर बनने के लिए प्रेरित करते हैं।


  • संसार में पाप-पुण्य साथ-साथ चलते हैं। न कुछ पाप है न कुछ पुण्य, दोनों हमारे लिए कर्मों का फल है। जो मनुष्य अपने कर्मों को छोड़ते हैं, वो कायर होते हैं।


  • मनुष्य असमर्थ सिर्फ तब होता है जब वो प्रयास करना छोड़ देता है। और जो वीर होते हैं वो अंतिम सांस तक प्रयास करना नहीं छोड़ते।



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