इंद्रजाल को काला जादू ने बदनाम किया

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इंद्रजाल को काला जादू ने बदनाम किया
भारत के प्रसिद्ध जादूगर पीसी सरकार के शो की पुरानी तस्वीर। स्रोत- न्यूयार्क पब्लिक लाइब्रेरी।

Black magic and Indrajaal : इंद्रजाल को काला जादू ने बदनाम किया। तांत्रिकों ने इसे निजी हित का साधन बनाया। उसमें कथित रूप से मंत्र जोड़ दिए। मारण, मोहन, उच्चाटन के दावे ने इसकी प्रतिष्ठा कम की। बाजार में ऐसी पुस्तकों की भरमार है। इससे इस महान विद्या की छवि धूमिल हुई। वास्तव में यह उच्चकोटि की कला है। भारत में बदनाम होकर लुप्त होती इस विद्या को विदेश में प्रतिष्ठा मिली है। 

विदेशियों ने कला का रूप दिया

इंद्रजाल को काला जादू ने बदनाम किया। विदेशियों ने इसे कला का रूप दिया। उन्होंने इसको रोजगार बनाया। नए रूप के विकास में उनका भारी योगदान है। उन्होंने विज्ञान की सहायता ली। कई भारतीय जादूगर भी इसमें शामिल रहे। इनमें पीसी सरकार का नाम प्रमुख है। जादू की शुरुआत 16वीं सदी से होने लगी। उस समय डिस्कवरी आफ विचक्राफ्ट नामक पहली किताब सामने आई। 18वीं सदी में जादू को पहचान मिली।

राबर्ट हुडिन ने मंच का कार्यक्रम बनाया

राबर्ट हुडिन ने 19वीं सदी में इसे मनोरंजन का माध्यम बनाया। उन्होंने मंच से जादू दिखाने शुरू किए। इससे इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। शो में भीड़ उमड़ने लगी। विज्ञान के समावेश ने चार चांद लगा दिए। आज जादू में रोशनी, धुआं और हाथ की सफाई का बोलबाला है। टीवी प्रसारण ने इसका विस्तार किया। जादू की चर्चा में पारसियों का नाम नहीं लेना अन्याय होगा। इसकी स्थापना और विकास में उनका भी योगदान है। अंग्रेजी के मैजिक शब्द पारसी के मैजी से लिया गया है।

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ये होता है जादू में

भ्रमजाल से शुरू काला जादू नेइंद्रजाल को बदनाम किया। जाने कि नए जादू में कैसे क्या होता है? इंद्रजाल प्रकाश के अनुसार यह सिर्फ भ्रमजाल है। आप ध्यान दें कि जादू के दौरान मंच पर रोशनी कम होती है। वहां पहले से धुआं फैला रहता है। धुआं नहीं हुआ तो पृष्ठभूमि काला रहता है। इससे तेजी से किया गया कार्य आंखें पकड़ में नहीं पाती है। खुद पढ़ें कुछ प्रमुख जादू और आकलन करें।

कुछ नहीं से कुछ उत्पन्न करना

प्रसिद्ध जादूगर ओपी शर्मा कई साल पूर्व बरेली में एक शो के दौरान बच्ची को हवा से निकालते हुए।

जादूगर कुछ नहीं से कुछ उत्पन्न करता है। जैसे-एक खाली टोपी में से खरगोश निकाल देता है। हवा में से ताश का पंखा निकालता है। खाली बाल्टी से सिक्कों की बौछार करता है।

किसी वस्तु या व्यक्ति को गायब करना

जादूगर किसी को गायब करता है। जैसे-सिक्का, प्रतिमा, व्यक्ति को गायब करना। यह निर्माण के विपरीत है। दोनों में एक प्रकार की तकनीक का प्रयोग होता है। सिर्फ प्रक्रिया उलट जाती है।

वस्तु की अवस्था बदलना

जादूगर एक वस्तु को दूसरी में बदल देता है। उदाहरण के लिए रूमाल का रंग बदल जाता है। महिला चीते में परिवर्तित हो जाती है। ताश का पत्ता दर्शकों की पसंद का बन जाता है। इसे निर्माण और गायब करने के संयोजन के रूप में देखना चाहिए।

वस्तु को नष्ट कर पुनः प्रकट करना

जादूगर एक वस्तु को नष्ट करता है। फिर उसे मूल अवस्था में ला देता है। एक रस्सी काटी जाती है। महिला के दो टुकड़े किए जाते हैं। फिर बाद में उन्हें मूल अवस्था में बहाल किया जाता है।

किसी को गायब कर देना

जादूगर एक बक्से में बंद होता है। हाथ में हथकड़ी लगी होती है। फिर सुरक्षित बच निकलता है। जैसे-बक्से में बंद करके भरे पानी के टैंक में डालना। बक्से को बांध कर कार से घसीटना। कार को कुचलना। दरअसल इस प्रक्रिया से पहले ही जादूगर निकल चुका होता है। काली पृष्ठभूमि सहायक होती है। कई बार बक्से का दूसरा सिरा मंच के अंदर खुलता है।

गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध काम करना

जादूगर गुरुत्वाकर्षण नियम के विरुद्ध प्रदर्शन करता है। कई बार वस्तु या व्यक्ति को हवा में उड़ा देता है। कुछ तो खुद उड़ जाते हैं। इसमें यंत्र, छुपे सहायक और विज्ञान की मदद ली जाती है।

गोपनीयता जादूगरों की पहली शर्त

पेशेवर जादूगरों को सबसे पहले शपथ लेनी पड़ती है। इसमें गोपनीयता और प्रतिबद्धता की शर्त होती है। इसके अनुसार वे अपना यह राज सिर्फ जादूगरों को ही बताएंगे। वे नए जादू का प्रयोग आम आदमी पर नहीं करेंगे। काला जादू नेइंद्रजाल को क्षति पहुंचाई। दूसरी ओर पेशेवर जादूगरों ने इसे ऊंचाई दी। उन्होंने रोजगार व मनोरंजन का साधन बनाया।

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2 COMMENTS

  1. 🌹
    …✍🏽 “परिवर्तन की आवाज़” में जारी होने वाली अधिकांश बेहतरीन रचनाएं जीवन जीने के लिए ही नहीं, बल्कि पठन पाठन से जुड़े लोगों के लिए भी एक दस्तावेज और हैंड-बुक की तरह है।
    रचनाओं के चयन टीम और उसके प्रधान जी को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई एवं बहुत बहुत शुभकामनाएं। सादर।

    • बहुत-बहुत धन्यवाद। इससे हमें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

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